झारखंड की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के प्रस्तावक मंडल मुर्मू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। संथाल परगना के वीर योद्धा सिदो-कान्हू के वंशज माने जाने वाले मंडल मुर्मू का भाजपा में स्वागत एक ऐतिहासिक क्षण बन गया है। रविवार की रात देवघर में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के आवास पर इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।
मंडल मुर्मू का भाजपा में शामिल होना: निशिकांत दुबे का बड़ा दावा
मंडल मुर्मू के भाजपा में शामिल होने पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कड़ा तंज कसते हुए कहा कि यह कदम झारखंड की राजनीति में एक नया बदलाव लाने वाला साबित होगा। निशिकांत दुबे ने अपने बयान में कहा कि, “देश को सिदो-कान्हू जैसे वीरों की वीरता को जानना चाहिए। जब सिदो-कान्हू जैसे योद्धाओं के वंशज अंग्रेजों के सामने नहीं झुके, तो वे जेएमएम-कांग्रेस के ढकोसले के सामने भी नहीं झुकेंगे। अगर हम अभी नहीं जागे, तो आने वाले समय में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।”
राजनीतिक पटल पर बड़ा घटनाक्रम: शिवराज और हिमंता का स्वागत
इस खास मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “मंडल मुर्मू सिदो-कान्हू के वंशज हैं और भाजपा हमेशा शहीद परिवारों का सम्मान करती है। उनकी पार्टी में उपस्थिति इस क्षेत्र में भाजपा की विचारधारा को और मजबूत करेगी।” वहीं, केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंडल मुर्मू का भाजपा में शामिल होना एक महत्वपूर्ण क्षण है, और इस चुनाव में भाजपा उनके साथ मिलकर झारखंड की बेटी, माटी और रोटी को बचाने के लिए काम करेगी।
मंडल मुर्मू ने क्यों चुना भाजपा का दामन?
मंडल मुर्मू ने अपनी मर्जी से भाजपा में शामिल होने की बात करते हुए कहा कि संथाल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की घटती संख्या को रोकने के लिए वे भाजपा के साथ काम करना चाहते हैं। भाजपा ने पहले मंडल मुर्मू को बरहेट से हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मंडल मुर्मू ने इसे ठुकरा दिया, क्योंकि वे मुख्यमंत्री के प्रस्तावक भी हैं। मंडल मुर्मू का मानना है कि भाजपा की विचारधारा से जुड़कर ही संथाल परगना में आदिवासियों के हितों की रक्षा की जा सकती है।
भाजपा के लिए राजनीतिक बढ़त, जेएमएम के लिए बड़ा झटका
मंडल मुर्मू के भाजपा में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पहले बयान दिया था कि “ये वो लोग हैं जो हमारा प्रस्तावक तक चुरा लेते हैं।” इस बयान से साफ है कि मंडल मुर्मू का भाजपा में जाना झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के लिए एक बड़ा झटका है। यह कदम बरहेट में सीएम सोरेन को चुनौती देने और विधानसभा चुनावों में भाजपा को बढ़त दिलाने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा की चुनावी रणनीति में मंडल मुर्मू की भूमिका
मंडल मुर्मू के भाजपा में शामिल होने से संथाल क्षेत्र में एक नई राजनीतिक लहर का संकेत मिल रहा है। भाजपा का मानना है कि मंडल मुर्मू के समर्थन से संथाल क्षेत्र की बदलती डेमोग्राफी पर नियंत्रण लाया जा सकेगा। निशिकांत दुबे के अनुसार, “मंडल मुर्मू का भाजपा में आना संथाल क्षेत्र की राजनीति को एक नया मोड़ देगा, और इस बदलाव का असर विधानसभा चुनावों में निश्चित रूप से देखने को मिलेगा।”
इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि झारखंड की राजनीति में भाजपा और जेएमएम के बीच संघर्ष और भी तेज हो चुका है। मंडल मुर्मू के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को आदिवासी समर्थन मिलने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र के चुनावी समीकरणों को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकता है।